कभी-कभी हम हतोत्साहित हो जाते हैं और अपने उद्धार पर संदेह करना शुरू कर देते हैं क्योंकि उद्धार कोई ऐसी चीज़ नहीं है जिसे हम देख सकते हैं या हमेशा महसूस कर सकते हैं। हमें परमेश्वर के वचन को याद करके और उस पर विश्वास करके कि, वचन हमारे बारे में क्या कहता हैं, हतोत्साहित होने से बचना होगा।
आपके पाप क्षमा हुए हैं
यदि हम अपने पाप स्वीकार करते हैं, तो परमेश्वर हमारे पाप क्षमा करेगा और हमें हर अपराध से शुद्ध करेगा; क्योंकि वह विश्वसनीय तथा धार्मिक है।
हमें हमारे पापों की क्षमा कैसे मिलती है?
(7) “धन्य हैं वे, जिनके अपराध क्षमा हुए हैं, जिनके पाप ढक दिये गये हैं!
(8) धन्य है वह मनुष्य, जिसके पाप का लेखा प्रभु नहीं रखता!”
हमें आनंदित क्यों होना चाहिए?
आपने विश्वास से उद्धार को स्वीकार कर लिया है – विश्वास बनाये रखो!
क्योंकि यदि तुम मुख से स्वीकार करते हो कि येशु प्रभु हैं और हृदय से विश्वास करते हो कि परमेश्वर ने उन्हें मृतकों में से जिलाया, तो तुम्हें मुक्ति प्राप्त होगी।
हम परमेश्वर के सामने सही कैसे ठहराए गए?
हम अपनी आशा की साक्षी देने में अटल एवं दृढ़ बने रहें, क्योंकि जिसने हमें वचन दिया है, वह विश्वसनीय है।
संदेह होने पर हमें क्या करना चाहिए?
आप परमेश्वर में एक नया जीवन हैं!
इसका अर्थ यह है कि यदि कोई मसीह के साथ एक हो गया है, तो वह नयी सृष्टि बन गया है। पुरानी बातें समाप्त हो गयी हैं और अब नई बातें आ गयी हैं।
प्रभु यीशु पर विश्वास करने के बाद हमारे जीवन में क्या हुआ?
(16) मैं यह कहना चाहता हूँ, आप लोग पवित्र आत्मा की प्रेरणा के अनुसार चलेंगे तो शरीर की वासनाओं को तृप्त नहीं करेंगे।
(17) शारीरिक स्वभाव तो पवित्र आत्मा के विरुद्ध इच्छा करता है, और पवित्र आत्मा शारीरिक स्वभाव के विरुद्ध। ये दोनों एक दूसरे के विरोधी हैं। इसलिए आप जो चाहते हैं, वही नहीं कर पाते हैं।
(18) यदि आप का संचालन पवित्र आत्मा से होता है, तो आप व्यवस्था के अधीन नहीं हैं।
हमें अपना नया जीवन किसके नेतृत्व मे व्यतीत करना चाहिए?
(19) शारीरिक स्वभाव के कर्म प्रत्यक्ष हैं, अर्थात् व्यभिचार, अशुद्धता, लम्पटता,
(20) मूर्ति-पूजा, जादू-टोना, बैर, फूट, ईष्र्या, क्रोध, स्वार्थपरता, मनमुटाव, दलबन्दी,
(21) द्वेष, मतवालापन, रंगरलियाँ और इसी प्रकार की अन्य बातें। मैं आप लोगों से कहता हूँ, जैसा कि मैंने पहले भी कहा है, जो लोग इस प्रकार का आचरण करते हैं, वे परमेश्वर के राज्य के अधिकारी नहीं होंगे।
किस तरह की जीवनशैली हमें परमेश्वर के राज्य से दूर ले जाती है?
(22) परन्तु पवित्र आत्मा का फल है : प्रेम, आनन्द, शान्ति, सहनशीलता, दयालुता, हितकामना, ईमानदारी,
(23) नम्रता और संयम। इनके विरुद्ध कोई विधि नहीं है।
पवित्र आत्मा द्वारा नियंत्रित जीवन में क्या होता है?
जो लोग येशु मसीह के हैं, उन्होंने वासनाओं तथा कामनाओं सहित अपने शारीरिक स्वभाव को क्रूस पर चढ़ा दिया है।
प्रभु यीशु पर विश्वास करने के बाद हमारे पाप और उसकी अभिलाषाओं का क्या हुआ??
दोस्त से पूछें
आप कैसे जानते हैं कि आपने उद्धार पाया है?
आप अपने हृदय और मन को संदेह करने और हतोत्साहित होने से कैसे बचा सकते हैं?
आवेदन
हमारे विश्वास को मजबूत करने के लिए निम्नलिखित कदम उठाएं:
आराधना – हमको उद्धार देने वाले परमेश्वर में आनन्दित रहें
प्रार्थना करें – परमेश्वर को बताएं कि आप कैसा महसूस करते हैं और विश्वास से प्रार्थना करते रहें
पवित्र शास्त्र – परमेश्वर के वचन को पढ़ें, याद करें और उसका ध्यान करें और इसे अपने जीवन में उतारें
कलीसिया और कनेक्ट समूह – अन्य विश्वासियों के साथ संगति करें, प्रोत्साहित रहें
जल बपतिस्मा – बपतिस्मा लें (यदि आप ने अभी तक नही लिया है)
मॉडल प्रार्थना
प्रभु यीशु, मुझे बचाने के लिए मैं आपको धन्यवाद देता हूं। मैं आपको धन्यवाद देता हूं कि मेरे पापों को क्षमा कर दिया गया है और आपने मुझे एक नया जीवन दिया है!
प्रमुख पध
इसका अर्थ यह है कि यदि कोई मसीह के साथ एक हो गया है, तो वह नयी सृष्टि बन गया है। पुरानी बातें समाप्त हो गयी हैं और अब नई बातें आ गयी हैं।