हमारे जीवन के लिए परमेश्वर की योजना (इच्छा)
परमेश्वर के पास हमारे जीवन के लिए एक योजना और एक उद्देश्य है। उसने हमें उसके साथ एक रिश्ते में और उसके मिशन का हिस्सा बनने के लिए बुलाया है।— उसके साथ रिश्ता बनाने के लिए दूसरों की मदद करने के लिए। जब हम परमेश्वर को ढूंढना जारी रखते हैं, तो हम जान पाते हैं कि उसके पास हमारे निभाने के लिए एक विशिष्ट भूमिका है और वह हमारे जीवन के लिए अच्छी योजनाओं प्रकट करना चाहता है।
आपके लिए परमेश्वर की योजना
यिर्मयाह 29:11-13 (HINDICL-BSI)
(11) ‘मैं-प्रभु यह कहता हूं, कि मैंने तुम्हारी भलाई के लिए योजनाएं बनाई हैं, बुराई के लिए नहीं; और मैं इन योजनाओं को अच्छी तरह जानता हूं। मैंने तुम्हारे लिए एक सुखद भविष्य की योजना बनाई है। मैं तुम्हें एक आशामय भविष्य दूंगा।
(12) तब तुम मेरे नाम से आराधना करोगे, और मेरे भवन में आ कर मेरे नाम से प्रार्थना करोगे, और मैं तुम्हारी प्रार्थना सुनूंगा।
(13) तुम मुझे ढूंढ़ोगे, और मैं तुम्हें मिलूंगा। जब तुम मुझे सच्चे हृदय से खोजोगे, तब मुझे पाओगे।
रोमियों 12:2 (HINDICL-BSI)
आप इस संसार के अनुरूप आचरण न करें, बल्कि सब कुछ नयी दृष्टि से देखें और अपना स्वभाव बदल लें। इस प्रकार आप जान जायेंगे कि परमेश्वर क्या चाहता है और उसकी दृष्टि में क्या भला, सुग्राह्य तथा सर्वोत्तम है।
आपको लगता है कि परमेश्वर के लिए हमारे पास किस तरह की योजनाएं हैं?
परमेश्वर की इच्छा को जानने के लिए हमें क्या करने की आवश्यकता है?
भजन संहिता 139:15-16 (HINDICL-BSI)
(15) जब मैं गुप्त स्थान में बनाया गया, पृथ्वी के निचले स्थान में बुना गया, तब मेरा कंकाल तुझसे छिपा न रहा।
(16) तेरी आंखों ने मेरे भ्रूण को देखा; तेरी पुस्तक में सब कुछ लिखा था, दिन भी रचे गये थे, जब वे दिन अस्तित्व में नहीं थे।
रोमियों 8:28 (HINDICL-BSI)
हम जानते हैं कि जो लोग परमेश्वर से प्रेम करते हैं और उसके उद्देश्य के अनुसार बुलाये गये हैं, परमेश्वर उनके कल्याण के लिए सभी बातों में उनकी सहायता करता है;
हमें परमेश्वर की योजना पर भरोसा क्यों करना चाहिए?
2 तिमोथी 3:16-17 (HINDICL-BSI)
(16) पूरा धर्मग्रन्थ परमेश्वर की प्रेरणा से लिखा गया है। वह शिक्षा देने के लिए, भ्रान्त धारणाओं का खण्डन करने के लिए, जीवन के सुधार के लिए और सदाचरण का प्रशिक्षण देने के लिए उपयोगी है,
(17) जिससे परमेश्वर का भक्त सुयोग्य और हर-प्रकार के सत्कार्य के लिए उपयुक्त बन जाये।
भजन संहिता 119:105 (HINDICL-BSI)
तेरा वचन मेरे पैर के लिए दीपक, और मेरे पथ की ज्योति है।
परमेश्वर का वचन हमें कैसे निर्देशित करता है?
(10) परमेश्वर ने अपने आत्मा द्वारा हम पर वही प्रकट किया है, क्योंकि आत्मा सब कुछ की, परमेश्वर के रहस्य की भी, थाह लेता है।
(11) मनुष्य की निजी आत्मा के अतिरिक्त कौन किसी का अन्तरतम जानता है? इसी तरह परमेश्वर के आत्मा के अतिरिक्त कोई भी परमेश्वर का अन्तरतम नहीं जानता।
(12) हमें संसार का आत्मा नहीं, बल्कि वह आत्मा मिला है जो परमेश्वर से है, जिससे हम परमेश्वर से प्राप्त वरदान पहचान सकें।
परमेश्वर की आत्मा हमें कैसे निर्देशित करती है?
निम्नलिखित वचनों से अपने जीवन के लिए परमेश्वर की योजनाओं के बारे में क्या सीख सकते हैं?
अपने सब कार्यों में तू प्रभु को स्मरण करना, वह तेरे कठिन मार्ग को सरल कर देगा।
मनुष्य मन में अपना मार्ग तो निश्चित करता है पर उस पर चलना, यह प्रभु के हाथ में होता है।
(6) किसी बात की चिन्ता न करें। हर जरूरत में प्रार्थना करें और विनय तथा धन्यवाद के साथ परमेश्वर के सामने अपने निवेदन प्रस्तुत करें।
(7) और परमेश्वर की शान्ति, जो हमारी समझ से परे है, आपके हृदय और विचारों को येशु मसीह में सुरक्षित रखेगी।
दुनिया के लिए परमेश्वर की योजना
दुनिया के लिए परमेश्वर की योजना क्या है?
“परमेश्वर ने संसार से इतना प्रेम किया कि उसने उसके लिए अपने एकलौते पुत्र को अर्पित कर दिया, जिससे जो कोई उस में विश्वास करता है, वह नष्ट न हो, बल्कि शाश्वत जीवन प्राप्त करे।
क्योंकि वह चाहता है कि सभी मनुष्य मुक्ति प्राप्त करें और सत्य को जानें।
(6) उन लोगों के बीच, जो परिपक्व हो गये हैं, हम भी प्रज्ञ की बातें करते हैं। यह प्रज्ञ न तो इस युग-संसार की है और न इस युग-संसार के अधिपतियों की । ये तो समाप्त हो जाने वाले हैं।
(7) हम परमेश्वर की उस रहस्यमय प्रज्ञ और उद्देश्य की घोषणा करते हैं, जो अब तक गुप्त रहे, जिन्हें परमेश्वर ने संसार की सृष्टि से पहले ही हमारी महिमा के लिए निश्चित किया था,
(8) और जिन को इस युग-संसार के अधिपतियों में से किसी ने नहीं जाना। यदि वे लोग उन्हें जानते, तो महिमामय प्रभु को क्रूस पर नहीं चढ़ाते।
(9) हम उन बातों के विषय में बोलते हैं, जिनके सम्बन्ध में धर्मग्रन्थ यह कहता है, “परमेश्वर ने अपने भक्तों के लिए जो तैयार किया है, उस को किसी ने कभी देखा नहीं, किसी ने सुना नहीं, और न कोई उसकी कल्पना ही कर पाया।”
(18) तब येशु ने उनके पास आकर कहा, “मुझे स्वर्ग में और पृथ्वी पर पूरा अधिकार दिया गया है।
(19) इसलिए तुम जा कर सब जातियों को शिष्य बनाओ और उन्हें पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा के नाम पर बपतिस्मा दो।
(20) मैंने तुम्हें जो-जो आदेश दिये हैं, उन सबका पालन करना उन्हें सिखाओ। देखो, मैं संसार के अन्त तक सदा तुम्हारे साथ हूँ।”
दोस्त से पूछें
आपके जीवन के लिए परमेश्वर की योजना क्या है?
आवेदन
आप अपने जीवन के लिए परमेश्वर की योजना को कैसे जान सकते हैं? परमेश्वर की इस दुनिया के लिए उसकी योजनाओं और उद्देश्यों में आप की क्या भूमिका है?
प्रार्थना
परमेश्वर, आपकी महान योजना के लिए धन्यवाद। यीशु के माध्यम से मुझे आशा से भरा भविष्य देने के लिए धन्यवाद।
प्रमुख पध
‘मैं-प्रभु यह कहता हूं, कि मैंने तुम्हारी भलाई के लिए योजनाएं बनाई हैं, बुराई के लिए नहीं; और मैं इन योजनाओं को अच्छी तरह जानता हूं। मैंने तुम्हारे लिए एक सुखद भविष्य की योजना बनाई है। मैं तुम्हें एक आशामय भविष्य दूंगा।