दूसरो को येशु की ओर ले चलना

अगुएं लोगों को खड़ा करना



यीशु की उसके शिष्यों के साथ तीन साल कि सेवकाई के दौरान शिष्यों ने उसके द्वारा किये सब कार्य देखे और उन्होंने ये भी देखा की यीशु ने कैसे लोगों की सेवा की। यीशु की मिसाल पर चलकर, और पवित्र आत्मा का सामर्थ प्राप्त करने के बाद, शिष्य जहाँ कहीं भी गए, सुसमाचार के शक्तिशाली सेवक बन गए। और वचन की शक्ति और चिन्हों और चमत्कारों के माध्यम से उन्होंने शुरुआती कलीसियाओं की नींव स्थापित की।

उन्हें दिखाएं

नीचे लिखे वचनों को पढ़ें और एक से दो शब्दों मे बयां करें की यीशु चेलों के सामने क्या आदर्श रख रहे थे।

उनको प्रशिक्षण (ट्रेनिंग) दें

तीमुथियुस को पौलुस क्या निर्देश और प्रशिक्षण दे रहा था?

तीमुथियुस ने पौलुस से कैसे शिक्षा देना सिखाया?

हम वचन में प्रशिक्षण के माध्यम से क्या कौशल हासिल करेंगे?

सशक्त बनाना

यीशु शिष्यों को क्या करने के लिए अधिकृत कर रहे थे?

शिष्यों को भेजने के समय यीशु ने उन्हें क्या दिया?

उन्हें शक्ति कैसे प्राप्त हुई?

शक्ति किसके लिए थी?

उन पर हाथ रखना क्या दर्शाता है?

पूछिए

  • आप एक शिष्य /अगुवे के रूप में कैसे विकसित हुए हैं?
  • किसी के नेतृत्व को विकसित करने मे आपके योगदान का कोई उदाहरण हमें बताएं।

आवेदन

आपने इस अध्ययन से नेतृत्व के बारे में क्या सीखा है, और क्या आप नेतृत्व के क्षेत्र में बढ़ने के लिए कोई कदम उठा सकते हैं?

प्रार्थना

परमेश्वर, मैं आपके उदाहरण के लिए और मेरे जीवन में आपके द्वारा रखे गए लोगों के लिए बहुत बहुत आभारी हूं कि उन्होंने मुझे शिष्य बनाया और अगुआ बनने के लिए प्रशिक्षण दिया। मेरी सहायता करें कि मैं औरों को उनके विश्वास में बढ़ने के लिए और अगुआ बनने मे मदद कर सकूँ।

प्रमुख पध