(1) उस समय आत्मा येशु को निर्जन प्रदेश में ले गया कि शैतान उनकी परीक्षा ले।
(2) येशु चालीस दिन और चालीस रात उपवास करते रहे। इसके बाद उन्हें भूख लगी।
(3) तब परीक्षक ने पास आकर उनसे कहा, “यदि आप परमेश्वर के पुत्र हैं, तो कह दीजिए कि ये पत्थर रोटियाँ बन जाएँ।”
(4) येशु ने उत्तर दिया, “धर्मग्रन्थ में लिखा है : ‘मनुष्य केवल रोटी से ही नहीं जीता है। बल्कि वह परमेश्वर के मुख से निकलने वाले हर एक शब्द से जीवित रहता है।’ ”
(5) तब शैतान येशु को पवित्र नगर में ले गया और उन्हें मन्दिर के शिखर पर खड़ा कर
(6) उनसे कहा, “यदि आप परमेश्वर के पुत्र हैं, तो नीचे कूद जाइए; क्योंकि धर्मग्रन्थ में लिखा है : ‘आपके विषय में परमेश्वर अपने दूतों को आदेश देगा’, और ‘वे आपको अपने हाथों पर संभाल लेंगे कि कहीं आपके पैरों को पत्थर से चोट न लगे।’ ”
(7) येशु ने उससे कहा, “यह भी धर्मग्रन्थ में लिखा है : ‘अपने प्रभु-परमेश्वर की परीक्षा मत लो।’ ”
(8) फिर शैतान उनको एक अत्यन्त ऊंचे पहाड़ पर ले गया और संसार के सभी राज्य और उनका वैभव दिखला कर
(9) उनसे बोला, “यदि आप मेरे सम्मुख घुटने टेक कर मेरी आराधना करें, तो मैं आप को यह सब दे दूँगा!”
(10) येशु ने उत्तर दिया, “हट जा, शैतान! क्योंकि धर्मग्रन्थ में लिखा है : ‘अपने प्रभु परमेश्वर की आराधना करो और केवल उसी की सेवा करो।’ ”
(11) इस पर शैतान उन्हें छोड़ कर चला गया और स्वर्गदूत आ कर उनकी सेवा-परिचर्या करने लगे।
यहां मत्ती 4:1-11 हम इस बारे में पढ़ सकते हैं कि कैसे शैतान ने यीशु की पहचान को चुनौती दी। जब भी शैतान ने कोशिश की, यीशु ने उसकी पहचान के बारे परमेश्वर के वचन में कि सच्चाई का उपयोग किया। हमारी पहचानों को उसी तरह से चुनौती दी जाएगी, और यीशु की तरह, हमें अपनी पहचान की सच्चाई को बचाने के लिए परमेश्वर के वचन को जानना और उपयोग करना चाहिए।
मैं स्वीकार किया गया हूँ
चर्चा कीजिये – स्वीकृति का मुद्दा इतना महत्वपूर्ण क्यों है?
Read the verses and make “I” statements.
किन्तु जितनों ने उसे अपनाया, और उसके नाम में विश्वास किया, उन सब को उसने परमेश्वर की संतान बनने का अधिकार दिया।
अब से मैं तुम्हें सेवक नहीं कहूँगा। सेवक नहीं जानता कि उसका स्वामी क्या करने वाला है। मैंने तुम्हें मित्र कहा है, क्योंकि मैंने अपने पिता से जो कुछ सुना, वह सब तुम्हें बता दिया है।
यदि हम विश्वास के कारण धार्मिक ठहराए गए हैं, तो हमें हमारे प्रभु येशु मसीह द्वारा परमेश्वर में शान्ति प्राप्त होती है।
(19) क्या आप यह नहीं जानते कि आपका शरीर पवित्र आत्मा का मन्दिर है? वह आप को परमेश्वर से प्राप्त हुआ है और वह आप में निवास करता है। आपका अपने पर अधिकार नहीं है;
(20) क्योंकि आप लोग मूल्य दे कर खरीदे गये हैं। इसलिए आप लोग अपने शरीर से परमेश्वर की महिमा प्रकट करें।
इसी तरह आप सब मिल कर मसीह की देह हैं और आप में से प्रत्येक उसका एक अंग है।
उसने प्रेम से प्रेरित हो कर आदि में ही निर्धारित किया कि हम येशु मसीह द्वारा उसकी दत्तक संतान बनें। यह परमेश्वर की मंगलमय इच्छा से हुआ
उन्हीं के द्वारा हमें विमोचन, अर्थात् पापों की क्षमा मिली है।
और उन में आप इस परिपूर्णता के सहभागी हैं। सभी आधिपत्य और अधिकार मसीह के अधीन हैं
इनमे से कौन सा पद आपके लिए उभर कर आता है ?
मै सुरक्षित हूँ
चर्चा कीजिये – असुरक्षा हमारे जीवन को कैसे प्रभावित कर सकती है?
Read the verses and make “I” statements.
(1) जो लोग येशु मसीह से संयुक्त हैं, उनके लिए अब कोई दण्डाज्ञा नहीं रह गयी है;
(2) क्योंकि, ओ मनुष्य! पवित्र आत्मा के विधान ने, जो येशु मसीह द्वारा जीवन प्रदान करता है, तुझ को पाप तथा मृत्यु के नियम से मुक्त कर दिया है।
हम जानते हैं कि जो लोग परमेश्वर से प्रेम करते हैं और उसके उद्देश्य के अनुसार बुलाये गये हैं, परमेश्वर उनके कल्याण के लिए सभी बातों में उनकी सहायता करता है;
और कहना ही क्या है? यदि परमेश्वर हमारे पक्ष में है, तो कौन हमारे विरुद्ध होगा?
कौन हम को मसीह के प्रेम से अलग कर सकता है? क्या विपत्ति या संकट? क्या अत्याचार, भूख, नग्नता, जोखिम या तलवार?
जिस परमेश्वर ने आप लोगों में यह शुभ कार्य आरम्भ किया, वह येशु मसीह के दिन तक उसे पूर्ण भी करेगा, इसका मुझे पक्का विश्वास है।
आप लोग अब परदेशी अथवा प्रवासी नहीं रहे, बल्कि सन्तों के सह-नागरिक तथा परमेश्वर के परिवार के सदस्य बन गये हैं।
इसलिए हम पूर्ण भरोसे के साथ अनुग्रह के सिंहासन के पास जायें, जिससे हमें दया मिले और हम वह कृपा प्राप्त करें, जो हमारी आवश्यकताओं में हमारी सहायता करेगी।
हम जानते हैं कि जो परमेश्वर से उत्पन्न हुआ है, वह पाप नहीं करता। परमेश्वर का पुत्र उसकी रक्षा करता है और दुष्ट शैतान उसे स्पर्श तक नहीं करने पाता।
आपके लिए कौन सा पद विशेष है और क्यों?
मैं महत्वपूर्ण हूँ?
चर्चा कीजिये – महत्वपूर्ण महसूस करना हमारे लिए ज़रूरी क्यों है?
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(13) “तुम पृथ्वी का नमक हो। यदि नमक अपना गुण खो दे, तो वह किस वस्तु से नमकीन किया जाएगा? वह किसी काम का नहीं रह जाता। वह बाहर फेंका और मनुष्यों के पैरों तले रौंदा जाता है।
(14) “तुम संसार की ज्योति हो। पहाड़ पर बसा हुआ नगर छिप नहीं सकता।
(1) “मैं सच्ची दाखलता हूँ और मेरा पिता किसान है।
(2) वह उस डाली को, जो मुझ में नहीं फलती, काट देता है और उस डाली को, जो फलती है, छाँटता है, जिससे वह और भी अधिक फल उत्पन्न करे।
(3) उस वचन के कारण, जो मैंने तुम से कहा है, तुम शुद्ध हो चुके हो।
(4) तुम मुझ में रहो और मैं तुम में रहूँगा। जिस तरह डाली यदि दाखलता में न रहे स्वयं नहीं फल सकती, उसी तरह यदि तुम मुझ में न रहो तो तुम भी नहीं फल सकते।
(5) “मैं दाखलता हूँ और तुम डालियाँ हो। जो मुझ में रहता है और मैं उस में, वह बहुत फलता है; क्योंकि मुझ से अलग रह कर तुम कुछ भी नहीं रह सकते।
तुम ने मुझे नहीं चुना, बल्कि मैंने तुम्हें इसलिए चुना और नियुक्त किया कि तुम संसार में जाओ और फलवंत हो तथा तुम्हारा फल बना रहे, जिससे तुम मेरे नाम में पिता से जो कुछ माँगो, वह तुम्हें प्रदान करे।
किन्तु पवित्र आत्मा तुम पर उतरेगा और तुम्हें सामर्थ्य प्रदान करेगा और तुम यरूशलेम में, समस्त यहूदा और सामरी प्रदेशों में तथा पृथ्वी के अन्तिम छोर तक मेरे साक्षी होगे।”
(17) इसका अर्थ यह है कि यदि कोई मसीह के साथ एक हो गया है, तो वह नयी सृष्टि बन गया है। पुरानी बातें समाप्त हो गयी हैं और अब नई बातें आ गयी हैं।
(18) परमेश्वर ने यह सब किया है-उसने मसीह के द्वारा अपने से हमारा मेल कराया और इस मेल-मिलाप का सेवा-कार्य हमें सौंपा है।
उसने येशु मसीह के साथ हम लोगों को पुनर्जीवित किया और उन्हीं के साथ स्वर्ग में बैठाया।
परमेश्वर ने हमारी रचना की। उसने येशु मसीह में हमारी सृष्टि की, जिससे हम उन शुभ कार्यों को पूर्ण करते रहें, जिन्हें परमेश्वर ने हमारे लिए तैयार किया है।
जो मुझे बल प्रदान करता है, उसकी सहायता से मैं सब कुछ कर सकता हूँ।
आज कौन सा पद आपको प्रेरित करता है?
दोस्त से पूछें
क्या ऊपर पढ़े गए किस वचन ने आपका जीवन को बदल दिया है? हमें बताएं।
आवेदन
इन सत्य वचनो से हम अपने आप पर अधिक विश्वास कैसे कर सकते हैं?
हम खुद को कैसे बदल सकते हैं?
मॉडल प्रार्थना
प्रभु यीशु, मुझे एक नया व्यक्ति बनाने के लिए धन्यवाद। मैं आपको धन्यवाद देता हूं कि मैं आपके द्वारा स्वीकार किया गया हूं, आप में सुरक्षित हूं और आप में मेरा जीवन महत्वपूर्ण है। मुझे विश्वास है कि मैं ___________ हूं। धन्यवाद!
प्रमुख पध
इस अध्ययन से एक या एक से अधिक छंदों को याद करके खुद चुनें।