परमेश्वर से प्रोत्साहन हमारे भीतर निर्माण करता है और लोगों के साथ हमारे रिश्ते बने रहने में हमारी मदद करता है। एक चर्च के रूप में, हमारे पास एक-दूसरे को प्रोत्साहित करने का महान विशेषाधिकार है। यह हमें एक उत्कृष्ट प्रोत्साहक बनने का अवसर प्रदान करता है।
परमेश्वर और उनके वचन द्वारा प्रोत्साहन
क्या आप नीचे लिखे वचनों से वर्णन कर सकते हैं कि परमेश्वर हमें कैसे प्रोत्साहित करता है?
पीड़ित जन इसे देखकर सुखी हों; ओ परमेश्वर के खोजियो, तुम्हारे हृदय को नया बल प्राप्त हो!
वेदना के कारण मेरा प्राण पिघलने लगा है। तू अपने वचन के अनुसार मुझे बलवान बना।
जिस दिन मैंने पुकारा, तूने मुझे उत्तर दिया; तूने मेरी आत्म-शक्ति को बढ़ाया।
(4) धर्मग्रन्थ में जो कुछ पहले लिखा गया था, वह हमारी शिक्षा के लिए लिखा गया था, ताकि हमें उस से धैर्य तथा सांत्वना मिलती रहे और इस प्रकार हम अपनी आशा बनाये रख सकें।
(5) परमेश्वर ही धैर्य तथा सांत्वना का स्रोत है। वह आप लोगों को यह वरदान दे कि आप येशु मसीह की शिक्षा के अनुसार आपस में मेल-मिलाप का भाव बनाए रखें,
एक-दूसरे को प्रोत्साहित करना
नीचे लिखे वचन किस तरह से लोगों को एक दूसरे को प्रोत्साहित करने का वर्णन करते हैं?
या यों कहें : मैं चाहता हूँ कि मैं आप लोगों के यहाँ रह कर आपके विश्वास से प्रोत्साहन प्राप्त करूँ और आप मेरे विश्वास से।
(6) किन्तु दीन-हीन लोगों को सान्त्वना देने वाले परमेश्वर ने हम को तीतुस के आगमन द्वारा सान्त्वना दी।
(7) और उनके आगमन द्वारा ही नहीं, बल्कि उस सान्त्वना द्वारा भी, जो उन्हें आप लोगों की ओर से मिली थी। मुझ से मिलने की आपकी उत्सुकता, आपका पश्चात्ताप और मेरे प्रति आपकी चिन्ता—इसके विषय में उन्होंने हम को बताया और इससे मेरा आनन्द और भी बढ़ गया।
हम अपनी सभाओं में एकत्र होना न छोड़ें, जैसा कि कुछ लोग किया करते हैं, बल्कि हम एक दूसरे को ढाढ़स बंधाएं। जब आप उस दिन को निकट आते देख रहे हैं, तो ऐसा करना और भी आवश्यक हो जाता है।
मनुष्य के मन की चिन्ता उसको दबा देती है; पर एक सुभाषित वचन उसको आनन्दित कर देता है।
आपके मुख से कोई अश्लील बात नहीं, बल्कि ऐसे शब्द निकलें, जो अवसर के अनुरूप हों, और दूसरों के निर्माण तथा कल्याण में सहायक हों।
उदाहरण के लिये यूसुफ नामक एक व्यक्ति था। वह लेवी वंश का था। उसका जन्म कुप्रुस द्वीप में हुआ था। प्रेरितों ने उसका उपनाम बरनबास अर्थात् “सान्त्वना-पुत्र” रखा था।
आपको क्या लगता है कि बरनबास को उसका उपनाम क्यों दिया गया था?
पूछिए
- हमें कैसे प्रोत्साहित किया जाता है?
- क्या आप एक कहानी साझा कर सकते हैं कि आपको कैसे प्रोत्साहित किया गया?
- लोगों को प्रोत्साहित करना महत्वपूर्ण क्यों है?
आवेदन
- इस सप्ताह आप किन तरीकों से दूसरे लोगों को प्रोत्साहित कर सकते हैं?
- परमेश्वर से अवसरों को देखने में मदद करने के लिए कहें।
प्रार्थना
परमेश्वर, अन्य लोगों को प्रोत्साहित करने के अवसरों को देखने में मेरी मदद करें। अपने वचनों से लोगों को आशीष देने वाले विचार देने मेरी मदद करें ताकि, मैं उनके दिन को बेहतर बना सकूँ और उनको परमेश्वर के करीब ला सकूँ।
प्रमुख पध
इसलिए आप परस्पर प्रोत्साहन दीजिए और एक दूसरे का आध्यात्मिक निर्माण कीजिए, जैसा कि आप कर भी रहे हैं।